चौहान राजवंश
जानकारी के स्रोत
पृथ्वीराज – रासो चंदबरदाई
पृथ्वीराज विजय – जयानंद
बीसलदेव – रासो नरपति नाल्ह
हम्मीर महाकाव्य – नवीन चंद्र सूरी
राजस्थान के प्रमुख चौहान राजवंश व उनके संस्थापक
क्रम संख्या | रियासत | संस्थापक |
1. | शाकंभरी | वासुदेव चौहान |
2. | अजमेर | अजय राज चौहान |
3. | रणथम्भौर | गोविंद राज |
4. | जालौर | कीर्तिपाल चौहान |
5. | सिरोही | लुंबा |
बूंदी | देवी सिंह हाडा |
Q. सिरोही में चौहानों को की किस शाखा का शासन था – देवड़ा
Q. जालौर में चौहानों की किस शाखा का शासन था ? – सोनगरा
Q. चौहानों के प्रारंभिक राज्य कौन सा था ? -शाकंभरी
Q. चौहानों की आरम्भिक राजधानी – अहिच्छत्रपुर( नागौर)
रणथम्भौर के चौहान
संस्थापक – गोविंद राज
– हम्मीर देव चौहान – रणथंबोर के चौहान शासकों में सबसे प्रतापी
– शासक की जानकारी के स्रोत
- हम्मीर महाकाव्य – नयन चंद्र सूरी
- हमीर हठ – चंद्रशेखर
- हम्मीर बंधन – अमृत कैलाश
- हम्मीर रायण – भांडव व्यास
- हम्मीर मद मर्दन – जयसिंह सूरी
- हम्मीर रासो – जोधराज / सारंगधर
- हम्मीर चौपाई – मंडन विजयसा
– हमीर देव के समकालीन दिल्ली का शासक – अलाउद्दीन खिलजी
– अलाउद्दीन खिलजी के विद्रोही सेनापति मीर मोहम्मद शाह को हमीर देव ने शरण प्रदान की ।
– 1301 में अलाउद्दीन खिलजी का रणथम्भौर अभियान हुआ।
– जुलाई 1301 ई. को रणथम्भौर दुर्ग पर अलाउद्दीन खिलजी का अधिकार हो गया।
– हमीर देव लड़ता हुआ वीरगति को प्राप्त हुआ।
– रानी रंग देवी के नेतृत्व में जल जोहर हुआ।
– यह राजस्थान का प्रथम साका था
– इस अभियान में अलाउद्दीन खिलजी का सेनापति नुसरत खां मारा गया।
Q. ‘त्रिया तेल हम्मीर हठ चढे न दूजी बार’ किस दुर्ग के शासक के बारे में कहा जाता है ? – रणथंबोर दुर्ग के शासक हमीर देव चौहान
Q. जलालुद्दीन खिलजी ने किस दुर्ग के बारे में कहा था कि ऐसे कई दुर्गों को मैं मुसलमान की मूंछ के बराबर भी महत्व नहीं देता ? – रणथम्भौर दुर्ग
Q. अबुल फजल ने किस दुर्ग के बारे में कहा था कि अन्य सब दुर्ग नंगे है जबकि है यह दुर्ग बख्तरबंद है ? – रणथम्भौर
– नौलखा दरवाजा – रणथम्भौर दुर्ग का प्रमुख प्रवेश द्वार
– हम्मीर के दरबार में बिजादित्य नामक कवि रहता था
अजमेर के चौहान
वासुदेव चौहान
– इन्होंने शाकंभरी में चौहान राजवंश की स्थापना की ।
– इन्होंने सांभर झील का निर्माण करवाया।
नोट – बिजोलिया अभिलेख के अनुसार सांभर में चौहान वंश की स्थापना वासुदेव चौहान ने की थी तथा सांभर झील का निर्माण करवाया था।
चौहानों का आरंभिक राज्य – शाकम्बरी
अजय राज चौहान
- अजमेर नगर का संस्थापक
- तारागढ़ दुर्ग (अजमेर) का निर्माता – तारागढ़ दुर्ग को ‘गढ़ बिठली’ दुर्ग भी कहा जाता है
प्रश्न – मीरान साहब की दरगाह किस दुर्ग में है ? — तारागढ़ दुर्ग में
अर्णोराज
-आनासागर झील अजमेर का निर्माण करवाया
– आनासागर झील में बांडी नदी का पानी आता है।
– वराह मंदिर, पुष्कर (अजमेर) का निर्माण अर्णोराज ने करवाया था
– देव बोध तथा धर्मघोप जैसे प्रकांड विद्वान अर्णोराज के दरबारी साहित्यकार थे
विग्रहराज चतुर्थ( बीसलदेव )
– इनके शासनकाल को चौहानों का स्वर्ण काल कहते हैं।
– उपाधि – कवि बांधव
– इन्होंने संस्कृत भाषा में हरीकेली नाटक की रचना की थी।
– इनके दरबार में सोमदेव था जिसने ‘ललित विग्रहराज’ पुस्तक लिखी
बीसलदेव रासो – नरपति नाल्ह
इस पुस्तक में बीसलदेव व राजमति के प्रेम संबंधों का उल्लेख है।
– इन्होंने अजमेर में एक संस्कृत पाठशाला का निर्माण करवाया जिसे कुतुबुद्दीन ऐबक ने दुर्गा कर मस्जिद का रूप दे दिया
– वर्तमान में इसे ढाई दिन का झोपड़ा कहते हैं।
पृथ्वीराज तृतीय (1177 – 1192)
- उपाधियां – दल पूंगल , राय पिथौरा
- पिता – सोमेश्वर
- माता -कर्पूरी देवी
- नोट – पृथ्वीराज तृतीय की माता दिल्ली के अंगदपाल तोमर की पुत्री थी।
Q. पृथ्वीराज तृतीय व जयानक गढ़वाल के मध्य किस राजकन्या को लेकर संघर्ष हुआ ? – संयोगिता
तराइन का प्रथम युद्ध – 1191
पृथ्वीराज चौहान ने मोहम्मद गौरी को पराजित किया
तराइन का द्वितीय युद्ध – 1192
- इस युद्ध में मोहम्मद गोरी ने पृथ्वीराज तृतीय को पराजित किया
- इस युद्ध के बाद भारत में मोहम्मद गोरी की सत्ता स्थापित हुई
पृथ्वीराज चौहान तृतीय के दरबारी साहित्यकार
- चन्द्रबरदाई – पृथ्वीराज रासो
- जयानक – पृथ्वीराज विजय
- आशाधर
- वागभट्ट
- विश्वरूप
‘द अर्ली चौहान डायनेस्टीज ‘पुस्तक किसने लिखी? – डॉ दशरथ शर्मा