“सामान्य परिचय”
राजस्थान नामकरण
👉🏻 प्राचीन समय में रामायण,महाभारत काल में इस भू-भाग के लिए मरुकान्तर शब्द का प्रयोग किया गया हैं।
👉🏻 वैदिक काल मे आर्यो के समय में यह क्षेत्र ब्रहम ऋषि प्रदेश का हिस्सा था।
👉🏻सर्वप्रथम 1800 ई. में आयरलैंड निवासि जॉर्ज थॉमस ने इस भू – भाग के लिए राजपूताना शब्द प्रयोग किया।
– जॉर्ज थॉमस ग्वालियर के मराठा शासक दौलत राव सिंधिया का अंग्रेजी कमांडर था।
– जॉर्ज थॉमस के मित्र/ जीवनी कार विलियम फ्रैंकलीन की 1805 में पुस्तक प्रकाशित हुई -“ए मिलिट्री मेमोयस ऑफ मिस्टर जॉर्ज थॉमस”।
– इस पुस्तक में सर्वप्रथम राजपूताना शब्द का लिखित में उल्लेख मिलता है।
– ब्रिटिश काल में हमारे भू-भाग को राजपूताना के नाम से जाना जाता था।
– विक्रम संवत 682 में उत्कीर्ण बसंतगढ़ लेख में राजस्थानियादित्य शब्द का प्रयोग किया गया है।
– यह लेख चावड़ा वंश के शासक वार्मलात से संबंधित है।
– राजस्थान इतिहास का पिता इलिग्टन निवासी कर्नल जेम्स टॉड को कहा गया है।
– कर्नल ने 1777 – 78 में ईस्ट इंडिया कंपनी में अधिकारी पद पर नौकरी प्राप्त की तथा इसे 1817 – 18 में पश्चिमी राजपूताने का पॉलिटिकल एजेंट बनाया गया ।
– जेम्स टॉड को “घोड़े वाले बाबा” के नाम से जाना जाता है।
– जेम्स टॉड का गुरु- जैनाचार्य ज्ञान चंद।
– 1825 में कर्नल जेम्स टॉड सेवानिवृत्त हुए तथा 1829 में इनकी पुस्तक प्रकाशित हुई।
– “द एनाल्स एंड एंटिक्वीटीज ऑफ राजस्थान”।
– जब यह पुस्तक लिखी जा रही थी तब इसका नाम “द सेंट्रल एंड वेस्टर्न राजपूत स्टेट ऑफ इंडिया” था ।
– इस पुस्तक में रायथान, राजस्थान जैसे शब्दों का प्रयोग हुआ।
– राजस्थान में कर्नल जेम्स टॉड का स्मारक टॉडगढ़ जेल अजमेर में है।
– 1839 में कर्नल की दूसरी पुस्तक प्रकाशित हुई- “पश्चिम भारत की यात्रा”।
– इन पुस्तकों के संपादन का कार्य विलियम कुर्क के द्वारा किया गया।
– 26 जनवरी 1950 को प्रांतीय सभा ने इस भू-भाग को राजस्थान नाम दिया।
– विश्व ग्लोब में राजस्थान की स्थिति उत्तरी पूर्वी गोलार्द्ध में है।
– विश्व ग्लोब में राजस्थान का विस्तार उत्तरी अक्षांश व पूर्वी देशांतर रेखाओं में है।
– अक्षांश = पश्चिम से पूर्व की ओर खींची गई काल्पनिक रेखा अक्षांश रेखा कहलाती है।
कुल अक्षांश रेखा 90+90 +1 =181
– 0°अक्षांश को / विषुवत रेखा भी कहते हैं तथा इस रेखा को दो बार काटने वाली नदी कांगो/जायरे नदी है।
– 0° अक्षांस पर सूर्य की किरणें सीधी पड़ती हैं तथा उत्तर की और बढ़ने पर सूर्य की किरणों का तिरछापन बढ़ता हैं।
-23 1/2° उतरी अक्षांस को कर्क रेखा भी कहते है तथा इसे दो बार काटने वाली नदी माही नदी है।
– 23 1/2° दक्षिणी अक्षांस को मकर रेखा भी कहते है तथा इसे दो बार काटने वाली नदी लिंपोपो नदी हैं।
– अफ्रीका एकमात्र एक ऐसा महाद्वीप है जहां से ये तीनों रेखाएं गुजरती हैं।
– देशांतर = उत्तरी गोलार्द्ध को दक्षिणी गोलार्द्ध से मिलने वाली काल्पनिक रेखा देशांतर कहलाती हैं।
कुल देशांतर – 180+180=360
– सूर्य की किरण एक देशांतर को पर करने में चार मिनट का समय लेती हैं।
– राजस्थान का अक्षांशीय विस्तार 23°03‘ से 30°12’ उत्तरी अक्षांस के मध्य हैं।
– राजस्थान से गुजरने वाला सबसे लंबा अक्षांश 27° उत्तरी अक्षांश हैं।
– राजस्थान का देशांतरीय विस्तार 78°7‘ से 69°30’ पूर्वी देशांतर हैं।
– राजस्थान से गुजरने वाला सबसे लंबा देशांतर 74° पूर्वी देशांतर हैं।
– राजस्थान की लंबाई (उत्तर से दक्षिण)- 826 किमी
– राज्य की चौड़ाई (पूर्व से पश्चिम)- 869 किमी
– राजस्थान में सर्वप्रथम सूर्योदय व सूर्यास्त धौलपुर में होता हैं।
– राजस्थान में सबसे अंत में सूर्योदय व सूर्यास्त जैसलमेर होता हैं।
– राजस्थान में पूर्व से पश्चिम में सूर्योदय व सूर्यास्त में 35°8‘ का अंतराल आता हैं।
– कर्क रेखा की लंबाई राजस्थान में 26 किमी है तथा यह डूंगरपुर की सीमा को छूते हुए बांसवाड़ा के मध्य से गुजरती हैं।
– कर्क रेखा के सबसे नजदीक स्थित जिला मुख्यालय- बांसवाड़ा
– कर्क रेखा के सबसे दूर स्थित जिला मुख्यालय- श्रीगंगानगर
– 21 जून को सूर्य की सबसे सिधी किरणें कुशलगढ़ बांसवाड़ा पर पड़ती है अतः इस दिन राजस्थान में भयंकर गर्मी होती है।
21 जून का दिन सबसे बड़ा दिन होता है।
– सामान्यतः सूर्य की सबसे सीधी ककिरणें बांसवाड़ा में जबकि सूर्य की किरणों का सर्वाधिक तिरछापन गंगानगर में देखने को मिलता हैं।
– दक्षिण से उत्तर की और बढ़ने पर सूर्य की किरणों का तिरछापन बढ़ता हैं।
राजस्थान का कुल क्षेत्रफल – 3,42,239 वर्ग किमी,
1,32,129 वर्ग मील हैं।
– 1 November 2000 को मध्यप्रदेश से छत्तीसगढ़ राज्य बना अतः इस दिन राजस्थान क्षेत्रफल कज दृष्टि से सबसे बड़ा राज्य बना।
– देश के कुल क्षेत्रफल का राजस्थान 10.41% हिस्सा हैं।
- जिले – 33
◆25 सीमावर्ती(5920km)
– अंतरराष्ट्रीय(1070 km)
– अन्तर्राजिय(4850 km)
◆ 8 कोई सीमा नहीं
Trick- अपना जोर दो बूंदी टोंक
अजमेर , पाली , नागौर , जोधपुर, दोसा, राजसमन्द।
अंतरराष्ट्रीय सीमा – प्रारम्भ – उत्तर में हिन्दुमलकोट (श्री गंगानगर) से
अंत – दक्षिण पश्चिम में बाखासर ( शाहगढ़, बाड़मेर) तक।
– रेडक्लिफ रेखा का निर्धारण अगस्त,1947 में सर माइकल रेडक्लिफ के द्वारा किया गया।
इसकी लंबाई 1070 km हैं।
– यह रेखा हिंदूमलकोट गांव श्रीगंगानगर से शुरू होकर मालगांव बाड़मेर में समाप्त हो जाती है।
ईस रेखा पर राजस्थान के चार जिले स्थित है-
- श्रीगंगानगर- 210 किमी
- बीकानेर- 168 किमी
( सबसे छोटी अंतरराष्ट्रीय सीमा)
- जैसलमेर- 464 किमी
(सबसे बड़ी अंतरराष्ट्रीय सीमा)
- बाड़मेर- 228 किमी
– पाकिस्तान के सबसे नजदीक स्थित जिला मुख्यालय – श्रीगंगानगर
– सीमावर्ती जिलों में पाकिस्तान के सबसे दूर स्थित जिला मुख्यालय – बीकानेर
– राजस्थान के समस्त जिलों में पाकिस्तान से दूर स्थित जिला मुख्यालय – धौलपुर
– राजस्थान का जालौर जिला पाकिस्तान की सीमा को स्पर्श तो नहीं करता परंतु अन्य जिलों की तुलना में पाकिस्तान के सबसे नजदीकी स्थित है।
– पाकिस्तान के दो प्रान्तों पंजाब प्रांत सिंध प्रांत की सीमाएं राजस्थान को स्पर्श करती हैं।
– पाकिस्तान पंजाब प्रांत के तीन जिले राजस्थान को स्पर्श करते हैं – बहावलपुर, बहावलनगर, रहीमपुर।
– पाकिस्तान के सिंध प्रांत में 6 जिले राजस्थान को स्पर्श करते हैं – घोटकी, सुकूर खैरपुर,संघर, अमरकोट, थारपारकर।
– राजस्थान की अन्तर्राज्यीय सीमा पाँच राज्यों के साथ लगती हैतथा अंतर्राज्यीय सीमा की लंबाई 4850 किमी है तथा अंतर्राज्यीय सीमा पर राजस्थान के 23 जिले स्थित है
– सीमावर्ती पाँच राज्य –
- गुजरात – दक्षिण पश्चिम 1022 किमी
- मध्य प्रदेश – दक्षिण पूर्व 1600 किमी(सबसे बड़ी अन्तर्राजीय सीमा)
- UP पूर्व की और – 877 किमी
- हरियाणा – उत्तर पूर्व की और1262 किमी
- पंजाब – 89 किमी -उत्तर (सबसे छोटी अन्तर्राजीय सीमा)
– पड़ोसी राज्यों के वे जिले जो पड़ोसी राज्यों से सीमा बनाते हैं:-
- गुजरात – कच्छ, बनासकांठा, साबरकांठा,अरावली, महिसागर एवं दाहोद, (6 जिले)
- मध्यप्रदेश- झाबुआ, रतलाम, मंदसौर, नीमच, आगरमालवा,राजगढ़, गुना, शिवपुरी, श्योपुर व मुरैना(10 जिले)
- उत्तरप्रदेश- आगरा , मथुरा(2 जिले)
- हरियाणा- मेवात, रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, भिवानी, हिसार, सिरसा व फतेहाबाद(7 जिले)
- पंजाब- फाजिल्का व मुक्तसर (2 जिले)
– राजस्थान के चार ऐसे जिले हैं जो भौगोलिक व सांस्कृतिक दृष्टिकोण से दो – दो राज्यों से संबंधित है- बांसवाड़ा- गुजरात और मध्यप्रदेश से
धौलपुर – मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश से
भरतपुर – उत्तरप्रदेश और हरियाणा से
हनुमानगढ़-हरियाणा व पंजाब से
राजस्थान के दो जिले प्रशासनिक दृष्टि से दो खंडों में विभाजित है-
अजमेर, चितौड़गढ़
– क्षेत्रफल की दृष्टि से राजस्थान के चार बड़े जिले-
- जैसलमेर- 38401 वर्ग किमी
- बाड़मेर- 28387 वर्ग किमी
- बीकानेर-27244 वर्ग किमी
4.जोधपुर-22850 वर्ग किमी
-क्षेत्रफल की दृष्टि से राजस्थान के चार छोटे जिले
1.धौलपुर- 3034 वर्ग किमी
- दोसा- 3432 वर्ग किमी
3.डूंगरपुर- 3770 वर्ग किमी
4.प्रतापगढ़- 4449 वर्ग किमी
– जनसंख्या की दृष्टि से चार बड़े जिले- जयपुर,जोधपुर, अलवर, भरतपुर(66 लाख)
– जनसंख्या की दृष्टि से चार छोटे जिले -जैसलमेर, प्रतापगढ़,सिरोही, बूंदी,(6.72
लाख)
– राजस्थान की विभिन्न जिलों की आकृतियां –
– भारत जैसी आकृति- बाड़मेर
– मयूर की आकृति- जोधपुर
– त्रिभुजाकार आकृति- अजमेर
– घोड़े की नाल के समान- चित्तौड़गढ़
– धनुष के समान- दौसा
– अर्धचंद्राकार/ प्यालेनुमा- सीकर
– पतंगाकार/ चतुर्भुजाकार-
करौली
– अनियमित बहुभुज के समान- जैसलमेर
Note:- T.H. हेंडले के अनुसार संपूर्ण राजस्थान की आकृति विषमकोणीय चतुर्भुजाकार या पतंगाकार हैं।
– राजस्थान के सबसे नजदीक स्थित बंदरगाह- कांडला बंदरगाह (गुजरात) है।
– राजस्थान का सबसे बड़ा नगर – जयपुर, जोधपुर
– राजस्थान का सबसे छोटा नगर- बोरखेड़ा (बांसवाड़ा)
– राजस्थान के पाली जिले की सीमायें सर्वाधिक आठ जिलों को स्पर्श करती है।
Trick- A रानी उसी बाजार ना जा-
अजमेर, राजसमंद, सिरोही, बाड़मेर, नागौर, जोधपुर, उदयपुर, जालौर।
– 1 नवंबर 1956 को राजस्थान का एकीकरण समाप्त हुआ इस दिन राजस्थान में 26 जिले थे, 26 वां जिला अजमेर बना।
– वर्तमान में राजस्थान में 33 जिले हैं।
27 वां धौलपुर- 15 अप्रैल 1982 को
28 वां बांरा-10 अप्रैल 1991
29 वां दौसा- 10 अप्रैल1991
30 वां राजसमंद- 10 अप्रैल 1991
31 वां हनुमानगढ़- 12 जुलाई 1994
32 वां करौली- 19 जुलाई 1997
33 वां प्रतापगढ़- 6 जनवरी 2008
– प्रतापगढ़ जिले का गठन परमेश चंद कमेटी के आधार पर किया गया तथा इस जिले में तीन राज्यों का क्षेत्र शामिल किया गया।
– उदयपुर – धरियाबाद
– बांसवाड़ा – पीपलखुट
– चित्तौड़गढ़- प्रतापगढ़ छोटी सादड़ी
– काका जी की दरगाह है प्रतापगढ़ में स्थित है तथा इसे कांठल का ताजमहल कहा जाता है।
– “राजस्थान संभागीय व्यवस्था”
– राजस्थान ने सर्वप्रथम 1949 में संभागीय व्यवस्था को शुरू किया तथा इस दौरान 5 संभाग बनाए गए।
– अप्रैल 1962 में संभागीय व्यवस्था को तत्कालीन
– 26 जनवरी 1987 को मुख्यमंत्री हरिदेव जोशी ने संभागीय व्यवस्था को पुनः प्रारंभ किया तथा अजमेर को छटा संभाग बनाया गया।
– 4 जून 2005 को वसुंधरा राजे ने भरतपुर संभाग बनाया
– जोधपुर संभाग:- जोधपुर,
जैसलमेर, जालौर, बाड़मेर,
पाली, सिरोही
– पश्चिमी संभाग
– मरुस्थलीय संभाग
– क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा संभाग
– न्यूनतम साक्षरता वाला
– न्यूनतम जनसंख्या घनत्व वाला
– सर्वाधिक जनसंख्या वृद्धि दर वाला संभाग।
– जोधपुर संभाग का क्षेत्रफल- 117800 वर्ग किमी
– इस संभाग में जनसंख्या की दृष्टि से सबसे बड़ा जिला जोधपुर है।
– जबकि क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा जिला जैसलमेर है।
– बीकानेर संभाग :-
बीकानेर, हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर, चुरु
– राजस्थान का उत्तरी संभाग
– न्यूनतम नदियों वाला संभाग – इस संभाग में एकमात्र नदी घग्घर बहती है।
– बीकानेर संभाग का क्षेत्रफल -64708 वर्ग किमी
– इस संभाग में जनसंख्या व क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा जिला बीकानेर हैं।
-“जयपुर संभाग”:-
अलवर, जयपुर, सीकर, झुंझुनूं
– जयपुर संभाग का क्षेत्रफल- 36615 वर्ग किमी
– उत्तर – पूर्वी संभाग, सर्वाधिक जनसंख्या घनत्व, सर्वाधिक जनसंख्या, सर्वाधिक साक्षरता, सर्वाधिक अनुसूचित जाति की जनसंख्या वाला संभाग।
– इस संभाग में जनसंख्या व क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा जिला जयपुर हैं।
– “अजमेर संभाग”:-
अजमेर, नागौर, टोंक, भीलवाड़ा,
– कुल क्षेत्रफल -33848 वर्ग किमी
– इसे राजस्थान का हृदय संभा, केंद्रीय संभाग, मध्यवर्ती संभाग कहा जाता है।
– इस संभाग में जनसंख्या व क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा जिला नागौर है।
-“उदयपुर संभाग”:-
उदयपुर, चित्तौड़गढ़, प्रतापगढ़, राजसमन्द, डूंगरपुर, बांसवाड़ा
– उदयपुर संभाग का कुल क्षेत्रफल -36942 वर्ग किमी
– राजस्थान का दक्षिणी संभाग, सर्वाधिक अनुसूचित जनजाति वाला संभाग।
– सर्वाधिक लिंगानुपात
– सर्वाधिक अन्तर्राजीय संभाग
– दो बार अंतर्राज्यीय सीमा बनाने वाला संभाग।
– इस संभाग में जनसंख्या व क्षेत्रफल की दृष्टि से बड़ा जिला उदयपुर है ।
– “कोटा संभाग” :-
कोटा , बूंदी, बांरा, झालावाड़
– इस संभाग का क्षेत्रफल- 24204 वर्ग किमी है।
– राजस्थान का दक्षिण पूर्वी संभाग।
– राजस्थान का सर्वाधिक नदियों वाला संभाग
– सर्वाधिक वर्षा वाला संभाग
– सर्वाधिक आद्रता वाला संभाग
– जनसंख्या की दृष्टि से सबसे छोटा संभाग।
– इस संभाग का जनसंख्या की दृष्टि से सबसे बड़ा जिला कोटा है।
– जबकि क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा जिला बारा हैं।
– “भरतपुर संभाग”:-
धौलपुर, करौली,भरतपुर, सवाईमाधोपुर
– इस संभाग का क्षेत्रफल- 18122 वर्ग किमी हैं।
– राजस्थान का पूर्वी संभाग।
– नवीनतम संभाग।
– क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे छोटा संभाग।
– इस संभाग में जनसंख्या की दृष्टि से सबसे बड़ा जिला भरतपुर।
– क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा जिला करौली।
– सवाई माधोपुर, करौली, धौलपुर में अत्यधिक मात्रा में बीहड़ भूमि पाई जाती है।
– अतः इसको बीहड़ संभाग भी कहते हैं।